वॉल प्रेक्टिस बैडमिंटन (Wall Practice)-रक्षात्मक शैली(Defense) में सुधार

आज मै आपको बताऊंगा दीवार से अभ्यास माने वॉल प्रेक्टिस के विषय में कुछ जानकारी और साथ ही साथ उससे जुड़े कुछ फायदे।

दीवार से अभ्यास(वॉल प्रेक्टिस) के लिए सही स्थान:

1. सबसे पहले आप दीवार से कुछ दूरी पर अपने सुविधा अनुसार अपना स्थान ले लें।

2. आप इस स्थान पर थोड़ा सा झुक कर खड़े रहेंगे (हाफ स्क्वाट से थोड़ा उपर) यही खड़े रहने के स्थान को आप जब बैडमिंटन खेल रहे हो तो उस समय भी इस्तेमाल करना है।

 

शटल को किस तरह से मारे:-

1. शटल को आपको इस प्रकार मारना है कि वह दीवार से पड़ कर जब वापस आए तो इधर-उधर न जाए और आपके पास ही आए। यह शुरू-शुरू में थोड़ा सा कठिन हो सकता है पर बार-बार अभ्यास करेंगे तो आजाएगा ।

2. अगर आप एक नौसिखिया हैं तो आप कोशिश करें कि शटल को ज्यादा जोर से न मारें और उसे अपने रैकेट के बीचों-बीच मारें और उसे लगभग नेट जितनी ऊंचाई पर दीवार पर मारें।

3. अगर आप इसमें माहिर हो जाएं तो आप अपनी शटल मारने की गति-बढ़ा सकते हैं मगर आपको अपने नियंत्रण पर ध्यान रखना पड़ेगा।

4. आप यह अभ्यास दो तरीकों से कर सकते हैं
पहला: एक ही स्थान पर खड़े रहकर,
दूसरा: शटल के अनुसार चलते-फिरते हुए इस वाले अभ्यास में आपको असल मुकाबले में फायदा होगा।

वॉल प्रेक्टिस के फायदे देखें:

 

1. आपका रक्षात्मक शैली(Defense) में सुधार होगा।
2. आपका सजकता (ध्यान ) बढ़ जाएगा।
3. आपका नियंत्रण(Control) बढ़ जाएगा।
4. आपके हाथों और कलाईयों की शक्तियां(बल) बढ़ जाएंगी।

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